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About School
क्रिश्चियन इंटर कॉलेज
क्रिश्चियन इंटर कॉलेज का इतिहास को प्रारूप विभिन्न श्रोतों से एकत्रित कर तैयार किया गया। क्रमशः ब्रिटिश शासनकाल में अठारहवीं शताब्दी के अंत में कुछ मिशनरी लोग झाँसी आये जिनमे श्री जी. एस. उलमैन और रेव्ह श्रीमती जेम्स श्री एम. हाल्कम्ब के नाम मुख्य हैं।
२०वीं शताब्दी के प्रारम्भ में अमेरिकन प्रेसविटोरियन चर्च के कुछ मिशनरी लोग भारत आये जिनका मुख्य उद्देश्य Preach, Teach & Heal था और इस परिणामत: उन्होंने चर्च ( क्लीसिया ) विद्यालय और अस्पतालों को स्थापित किया। इसी क्रम में विद्यालय की स्थापना अमेरिकन प्रेस्टविटेरियन चर्च यूनाइटेड स्टेट ऑफ़ अमेरिका द्वारा की गई बाद में चर्च ऑफ़ नार्थ इंडिया की स्थापना के उपरांत इसकी समस्त चल एवं अचल सम्पत्ति चर्च ऑफ़ नार्थ इंडिया ट्रस्ट एसोसिएशन को हस्तान्तरित कर दी गई। वास्तुतः विद्यालय के संस्थापक श्री हैसलौप रहे जिन्होंने अपने पश्चात श्री रेव्ह डॉ. हैनरी जे. फर्गर को समस्त कार्य हस्तान्तरित कर दिया इसी क्रम में ने श्री रेव्ह डॉ. हैनरी जे. फर्गर १९१० ई. में क्रिश्चियन ब्यायज स्कूल की नींव रखी। वे क्रिश्चियन ब्यायज हॉस्टल के मैनेजर और सुपरिन्टेडेंट भी थे। विद्यालय के पहले हेडमास्टर श्री के. एन. दास नियुक्त किये गए। १९१२ में यह मिडिल स्कूल बन गया। १९१४ से १९१९ तक विद्यालय की मुख्य भवन का निर्माण हुआ। २५ अगस्त १९१६ को विद्यालय का Corner Stone Dedicate (समर्पित) किया गया जो वर्तमान में विद्यालय के मुख्य प्रवेश की बायीं ओर लगा हुआ है।
सन १९३२ में विद्यालय हाई स्कूल हो गया और १९३४ में प्रथम ११ छात्रों ने हाई स्कूल की परीक्षा दी। प्रारम्भ में कला वर्ग की मान्यता होने के उपरांत विद्यालय को विज्ञान वर्ग की भी मान्यता मिल गई। जुलाई १९७४ में तत्कालीन बिशप रा. रेव्ह दीनदयाल के सहयोग से नयी कक्षाओं का निर्माण एवं विद्यालय को १९८९ में वित्तविहीन विज्ञान वर्ग की मान्यता मिलने के उपरांत इंटरमीडिएट स्तर की भौतिक, रसायन और जीव विज्ञान की प्रयोगशालायें निर्माण करवायी। वर्तमान में वर्ष २०१३ से श्री एम॰ सी॰ सिंह कॉलेज के प्रधानचार्य है।